भूतिया हवेली की रहस्मई कहानी Horrible story of haunted mansion
यह कहानी एक छोटे से गाँव की है, जहाँ एक पुरानी हवेली खड़ी थी। यह हवेली सालों से बंद पड़ी थी और गाँववाले कहते थे कि वहां एक खौ़फनाक भूत का वास है। हवेली के बारे में कोई भी कुछ भी बताने से डरता था, क्योंकि वहां जाने वाले कभी वापस नहीं लौटे थे। जो लोग एक बार हवेली में घुसे, वे फिर से जीवित नहीं लौटे थे। हवेली के आसपास एक डर और सन्नाटा फैला रहता था।
गाँव में एक युवक था, अर्जुन, जो इन सब अफवाहों को बेकार मानता था। वह एक साहसी और मस्तमौला लड़का था। उसने ठान लिया कि वह इस हवेली का रहस्य उजागर करेगा। अर्जुन ने गाँववालों से हवेली के बारे में सुनी सारी बातें सुनीं, और फिर एक रात हवेली जाने का निश्चय किया।
रात के अंधेरे में, जब सारा गाँव सो रहा था, अर्जुन अकेला हवेली की ओर चल पड़ा। हवेली का विशाल कद और उसकी वीरान स्थिति देख कर भी अर्जुन के मन में डर का नाम नहीं था। हवेली का दरवाजा खचाक से खुला और अर्जुन अंदर दाखिल हुआ। भीतर अंधेरा और खामोशी छाई हुई थी।
अर्जुन ने अपने मोबाइल की फ्लैश लाइट जलाई और धीरे-धीरे हवेली के अंदर की ओर बढ़ने लगा। दीवारों पर पड़ी धूल और टूटे-फूटे फर्नीचर से हवेली में घुटन और सर्दी का एहसास हो रहा था। जैसे ही वह एक कमरे में घुसा, उसे कुछ अजीब महसूस हुआ। कमरे में हवा की हल्की सरसराहट थी, जैसे कोई उसके पास से गुजर रहा हो। अर्जुन ने यह सोचकर नजरअंदाज किया कि यह बस हवेली की पुरानी हालत होगी।
लेकिन अचानक, कमरे का दरवाजा अपने आप बंद हो गया। अर्जुन चौंका, और पलटकर दरवाजे को खोला, लेकिन दरवाजा अब नहीं खुला। तभी अचानक, कमरे के एक कोने से धीमे-धीमे चहल कदमी की आवाजें सुनाई देने लगीं। अर्जुन ने डरते हुए उस ओर देखा, और उसकी आँखों के सामने एक धुंधली सी आकृति दिखी। वह आकृति धीरे-धीरे स्पष्ट होती गई—यह एक औरत थी, जो सफेद चादर में लिपटी हुई थी। उसकी आँखें खाली और गहरी थीं, और चेहरा डरावना था। Horrible story of haunted mansion
अर्जुन ने घबराते हुए पूछा, “त-तुम कौन हो?”
औरत ने चुपचाप उसकी ओर देखा और धीमे से बोली, “तुम यहाँ क्यों आए हो?” उसकी आवाज़ बहुत ही सर्द और भयानक थी। अर्जुन बुरी तरह डर चुका था, लेकिन उसने खुद को संभालते हुए कहा, “मैं सिर्फ़ तुम्हारा रहस्य जानने आया हूँ।”
औरत ने फिर से धीमे से कहा, “यह घर मेरा है, और अब यह मेरा ही रहेगा।”
अर्जुन का दिल जोर-जोर से धड़कने लगा। तभी, औरत ने अपने हाथों से हवेली की दीवार की ओर इशारा किया और अचानक दीवार के भीतर एक गहरी दरार खुल गई। अर्जुन के सामने पुरानी दास्तान सामने आई। वह औरत असल में इस घर की मालिक थी, और उसने अपने पति के धोखे से परेशान होकर इस हवेली में आत्महत्या कर ली थी। उसकी आत्मा अब इस घर में बुरी तरह फंसी हुई थी।
अर्जुन को यह सब समझ में आ गया, लेकिन वह डर से कांप रहा था। औरत ने कहा, “तुम अब यहाँ से नहीं जा सकोगे।” अचानक, कमरे की रोशनी बुझ गई, और एक अंधेरा घेरने लगा। अर्जुन ने हिम्मत जुटाते हुए दरवाजे को एक बार फिर से खोला, और जैसे ही वह बाहर भागने लगा, उसकी पीठ पर उस औरत की ठंडी उंगलियां महसूस हुईं।
अर्जुन किसी तरह बाहर निकला और भागते हुए गाँव पहुंचा। सुबह, जब वह गाँव में लौटकर आया, तो उसने देखा कि हवेली अब पहले जैसी नहीं थी। उसका दरवाजा अब पूरी तरह से बंद था, और कोई भी अंदर जाने की हिम्मत नहीं करता था।
गाँववाले कहते हैं कि जो भी उस हवेली में जाता है, उसकी आत्मा उस औरत के पास चली जाती है। अब भी लोग कहते हैं कि हवेली के आस-पास रात को उस औरत की सिसकियाँ सुनाई देती हैं।