दोस्तों के साथ अजीब सफर भूतिया जंगल Strange journey haunted forest with friends


दोस्तों के साथ अजीब सफर भूतिया जंगल Strange journey haunted forest with friends

शुरुआत से अंत तक जरूर पढ़े। Strange journey haunted forest with friends

यह कहानी उन चार दोस्तों की है—नील, रागिनी, विजय, और मोहन की, जो एक दिन अपने साहसिक यात्रा पर निकल पड़े। उनके गाँव में एक पुराना जंगल था, जिसे लोग “काली जंगल” कहते थे। कहा जाता था कि वह जंगल भूतिया था, और रात के समय वहाँ अजीब-अजीब घटनाएँ घटती थीं। लोग कहते थे कि जो भी उस जंगल में रात बिता आता, वह कभी भी वापस नहीं आता। लेकिन इन दोस्तों के दिल में डर के बजाय साहस था। वे सोचते थे कि यह सब सिर्फ अफवाहें हैं।

एक दिन उन्होंने तय किया कि वे उस जंगल की सच्चाई का पता लगाएंगे। दिन ढलते ही, वे चारों अपने बैग लेकर काली जंगल की ओर चल पड़े। जंगल का माहौल पहले से ही अजीब था—पेड़-बूढ़े और काले, जैसे काले बादल छाए हों। रास्ते में कहीं कोई आवाज़ नहीं थी, बस सन्नाटा ही सन्नाटा था।

“क्या तुम लोग सच में ये करना चाहते हो?” विजय ने थोड़ी घबराहट में पूछा, लेकिन नील ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, “डरो मत, ये बस एक पुरानी कहानी है।”

जंगल में घुसते ही सबका मन कुछ असहज हो गया, लेकिन उन्होंने इसे नजरअंदाज किया और आगे बढ़ते गए। जंगल में एक अजीब सी ठंडक बढ़ने लगी, और हवा भी जैसे शांत हो गई। तभी, मोहन को अचानक लगा कि किसी ने उसे पुकारा, “मोहन…” वह चौंका, लेकिन कोई नहीं था।

“क्या तुमने सुना?” मोहन ने घबराकर पूछा।

“कुछ नहीं है, तुम बस थक गए हो,” रागिनी ने उसे शांत करते हुए कहा।

शाम का वक्त हुआ, और अब जंगल में हल्की-हल्की रात की चुप्पी पसरने लगी। चारों दोस्त एक खुले स्थान पर पहुंचे, जहाँ उन्होंने सोचा था कि रात बिताएंगे। अचानक, वहाँ से एक अजीब सी चीख सुनाई दी—जैसे कोई दर्द से कराह रहा हो। सब डर के मारे काँपने लगे।

“क्या था वो?” रागिनी ने कांपते हुए पूछा।

“यह कोई जानवर होगा,” नील ने उसे दिलासा देने की कोशिश की।

लेकिन जैसे-जैसे रात बढ़ी, सबका डर और बढ़ने लगा। अचानक, पास के पेड़ से एक धुंधली आकृति दिखी—यह एक कटा-फटा चेहरा था, जो धीरे-धीरे उनकी ओर बढ़ रहा था।

“क…क्या…क्या ये…भूत है?” विजय ने कांपते हुए कहा।

“स्स..सच में यह कुछ नहीं है, हम सब की आंखों का धोखा है,” नील ने कहा, लेकिन उसका दिल भी डर से धड़क रहा था।

फिर वही चीख फिर से सुनाई दी, इस बार और पास से, और अचानक जंगल में अजीब सी हलचल होने लगी। चारों दोस्तों ने देखा कि पेड़ की शाखाएँ कांप रही थीं, और धरती भी जैसे हिलने लगी थी।

“हमें यहाँ से निकलना होगा!” मोहन घबराते हुए चिल्लाया।

लेकिन जैसे ही वे भागने लगे, जंगल के रास्ते खुद ही बंद हो गए। चारों दोस्तों ने देखा कि एक कटा-फटा चेहरा उनके सामने खड़ा था—यह किसी औरत का भूत था, जिसकी आँखें पूरी तरह काली थीं। वह धीरे-धीरे उनकी ओर बढ़ने लगी।

“तुम लोग यहाँ क्यों आए हो?” उस औरत ने गहरी, डरावनी आवाज़ में पूछा।

“हम…हम सिर्फ़ देखना चाहते थे…क…क…कुछ नहीं!” नील ने डर के मारे बड़बड़ाया।

भूतनी ने क़रीब आते हुए कहा, “तुम सब को यही सज़ा मिलेगी। तुम मेरे साथ रहोगे, हमेशा के लिए।”

इससे पहले कि वे कुछ कर पाते, चारों दोस्तों ने डर के मारे आँखें बंद कर लीं। तभी, एक तेज़ हवा का झोंका आया, और जब उन्होंने आँखें खोलीं, तो वे सब जंगल से बाहर थे, बिल्कुल वही जगह जहाँ से वे जंगल में घुसे थे।

“क्या…क्या हुआ?” विजय ने हैरान होकर पूछा।

“मुझे लगता है, हमने जो किया, वह हमें भारी पड़ा,” रागिनी ने धीरे से कहा।

“यह सच में एक भूतिया जगह है,” मोहन ने शॉक में आकर कहा।

अब, काली जंगल की अफवाहें उनके लिए हकीकत बन चुकी थीं। वे सब बिना कुछ कहे, वहाँ से जल्दी से लौट आए। अब तक वे सब जानते थे कि जंगल में जो कुछ भी हुआ था, वह असल में कोई कहानी नहीं, बल्कि एक सच्चाई थी।

काली जंगल का वह रहस्य आज भी कायम है…


kahaniyonkiduniya.com

Leave a Comment